काश...ये आँखे वक़्त रहते
दर्द छुपाना सिख लेती
अपनों से बेज़ुबान कैफ़ियत
बस...युही छुप जाती
अपनों की आँखो मे
हमारे दर्द के आँसू
दर्द छुपाना सिख लेती
अपनों से बेज़ुबान कैफ़ियत
बस...युही छुप जाती
अपनों की आँखो मे
हमारे दर्द के आँसू
देखने से तो उनका
छुप जाना ही बेहतर होता
छुप जाना ही बेहतर होता
(स्वलिखित-by self)
©️वर्षा_शिदोरे
©️वर्षा_शिदोरे
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