सच में...हर किसी को नहीं मिल पाता ना
ख़ुद से ज्यादा कोई चाहनेवाला...
पर मज़बूरी से अच्छे तो उसूल ही सही है
हा....जरूर अधूरासा लगता होगा...
पर शायद अधूरा होना ग़लत नहीं होता
बस...अधूरे तो लफ्ज़ होते है...
जो बया करने का जरिया नहीं बन पाते
ख़ुद से ज्यादा कोई चाहनेवाला...
पर मज़बूरी से अच्छे तो उसूल ही सही है
हा....जरूर अधूरासा लगता होगा...
पर शायद अधूरा होना ग़लत नहीं होता
बस...अधूरे तो लफ्ज़ होते है...
जो बया करने का जरिया नहीं बन पाते
(स्वलिखित-by self)
©️वर्षा_शिदोरे
©️वर्षा_शिदोरे
वसूल आहे की उसूल
उत्तर द्याहटवाकिया सही |
हटवाशुक्रिया !