मिला दे ख़ुद को ख़ुद से....
चाहें कैसे भी मिला हो ये दर्द
छुपाना शायद मुश्किल होगा
पर ये तो दिल की दास्ता है
समझ सको तो समझ लेना
और फुरसत से आजमा लेना
जो कभी मिटाये नहीं मिटती
ढूंढोगे तो कभी मिल भी पाओगे
फासले चाहे कितने भी हो
चाहते हमेशा जिन्दा रहती है
परखो गे हज़ार बार तुम अगर
पर वक़्त का साया डटा रहेगा
कभी ना मिटा पायेगा इस दर्द को
बस छुप जायेगा अपने ही साये में
जो कभी मिटाये नहीं मिटती
ढूंढोगे तो कभी मिल भी पाओगे
फासले चाहे कितने भी हो
चाहते हमेशा जिन्दा रहती है
परखो गे हज़ार बार तुम अगर
पर वक़्त का साया डटा रहेगा
कभी ना मिटा पायेगा इस दर्द को
बस छुप जायेगा अपने ही साये में
जो कभी मिला दे ख़ुद को ख़ुद से
(स्वलिखित-by self)
©️वर्षा_शिदोरे
©️वर्षा_शिदोरे
कोणत्याही टिप्पण्या नाहीत:
टिप्पणी पोस्ट करा